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एनईएफटी व्यवस्था

प्र.1 एनईएफटी क्या है?

उ. :नैशनल इलेक्ट्रानिक फंड्स ट्रान्स्फर (एनईएफटी) एक देश व्यापी व्यवस्था है, जो व्यक्तियों, फर्मों, और कंपनियों को बैंक की किसी एक शाखा से देश में स्थित अन्य किसी बैंक शाखा में खातेदार व्यक्तियों, फर्मों, और कंपनियों को इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण की सुविधा प्रदान करती है।


प्र.2 क्या देश में स्थित सभी बैंक शाखाएं एनईएफटी निधि अंतरण नेटवर्क का भाग हैं?

उ. : एनईएफटी निधि अंतरण नेटवर्क का भाग होने के लिए किसी बैंक शाखा को एनईएफटी-सक्षम होना चाहिए। फ़रवरी 2011 के अंत की स्थिति के अनुसार देश में 100 बैंकों की 75,431 शाखाएं / कार्यालय (लगभग 82,400 बैंक शाखाओं में से) एनईएफटी सक्षम हैं। बैंकों और शाखाओं / कार्यालयों, दोनों के संबंध में दायरा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।


प्र.3 हम कैसे जान सकते हैं कि कौनसी बैंक शाखाएं एनईएफटी नेटवर्क का भाग हैं?

उ. :एनईएफटी व्यवस्था में हिस्सा लेने वाली बैंक शाखाओं की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/Scripts/neft.aspx पर उपलब्ध है। एनईएफटी व्यवस्था में हिस्सा लेने वाले बैंकों / शाखाओं के पास भी विवरण उपलब्ध रहेगा।


प्र.4 एनईएफटी के माध्यम से कौन निधि अंतरण कर सकता है?

उ. : बैंक शाखा में खातेदार व्यक्ति, फर्में अथवा कंपनियां एनईएफटी के माध्यम से निधि अंतरण कर सकते हैं। वे व्यक्ति, फर्में अथवा कंपनियां भी जिनका बैंक में खाता नहीं है(अकस्मात ग्राहक) एनईएफटी सक्षम शाखा में एनईएफटी के द्वारा निधि अंतरण के मकसद से नकदी जमा करा सकते हैं। अकस्मात ग्राहकों को नकदी जमा कराने और लाभार्थी को निधि अंतरण करने के लिए एनईएफटी व्यवस्था में अलग से एक लेन-देन कोड (नं.50) आबंटित किया गया है। ऐसे ग्राहकों को अपने पूरे पते, दूरभाष नं, आदि समेत अपना सम्पूर्ण विवरण देना होता है। इस प्रकार मूल रूप से राशि भेजने वालों अथवा प्रेषकों को एनईएफटी यह सुविधा देता है कि वे बिना बैंक खाते के भी निधि अंतरित कर सकते हैं।


प्र.5 एनईएफटी व्यवस्था के माध्यम से निधि कौन प्राप्त कर सकता है?

उ. :व्यक्ति, फर्में अथवा कंपनियां जिनका बैंक में खाता है, एनईएफटी व्यवस्था के माध्यम से निधि प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए लाभार्थी का देश में स्थित उस एनईएफटी सक्षम बैंक शाखा में खाता होना आवश्यक है जहां निधि जानी है। एनईएफटी व्यवस्था भारत से नेपाल, एक-तरफा सीमा पार निधि अंतरण की सुविधा भी देती है। यह इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के नाम से जानी जाती है। प्रेषक किसी भी एनईएफटी सक्षम शाखा से नेपाल में निधि अंतरित कर सकता है, भले ही लाभार्थी का नेपाल में बैंक में खाता हो या नहीं। लाभार्थी को नेपाली मुद्रा में निधि प्राप्त होगी। भारत से नेपाल निधि अंतरण की सुविधा हेतु एनईएफटी व्यवस्था में अलग से एक लेन-देन कोड (नं.51) आबंटित किया गया है। इंडो - नेपाल धन - प्रेषण सुविधा योजना की और अधिक जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489.pdf पर उपलब्ध है।


प्र.6. एनईएफटी द्वारा अंतरित की जा सकने वाली राशि की क्या कोई सीमा है?

उ. :नहीं। एनईएफटी द्वारा अंतरित की जा सकने वाली राशि की कोई निम्नतम या अधिकतम सीमा नहीं है। लेकिन ऊपर प्रश्न 4 और प्रश्न 5 में वर्णित अकस्मात ग्राहक, इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत निधि अंतरित करने वाले अधिकतम रु.49,999 तक की राशि ही अंतरित कर सकते हैं।


प्र.7 क्या यह व्यवस्था केन्द्र विशेष तक सीमित है या इसकी अन्य कोई भौगोलिक सीमाएं हैं?

उ. :नहीं। देश के भीतर केन्द्र या भौगोलिक क्षेत्र संबंधी कोई सीमाएं नहीं है। एनईएफटी व्यवस्था बैंकों की केंद्रीकृत लेखा प्रणाली का लाभ उठाती है। इस उद्देश्य के लिए एनईएफटी के माध्यम से निधि अंतरण के आदेश देने वाले या पाने वाले बैंकों के खाते केंद्रीकृत रूप से मुंबई में संचालित किए जाते हैं। हालांकि एनईएफटी में भाग लेने वाली शाखाएं देश के किसी भी कोने में हो सकती हैं। इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना का लाभ देने के लिए एनईएफटी व्यवस्था नेपाल में बैंकों की शाखाओं में भी उपलब्ध करायी गयी है। (जैसा कि ऊपर प्रश्न 5 में बताया गया है)


प्र.8 एनईएफटी का संचालन समय क्या है?

उ. :वर्तमान में, एनईएफटी में लेनदेन का निपटान हर घंटे किया जाता है । सप्ताह के पहले पाँच दिन प्रात: 9 बजे से सायं 7 बजे तक ग्यारह निपटान रखे गए हैं तथा शनिवार प्रात: 9 बजे से 1 बजे तक पांच निपटान रखे गए हैं।


प्र.9 एनईएफटी व्यवस्था कैसे संचालित होती है?

उ. :चरण 1. व्यक्ति / फर्म / कंपनी जो एनईएफटी के द्वारा निधि अंतरण का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें लाभार्थी का पूरा विवरण देते हुए एक प्रार्थना पत्र भरना होगा (जैसे लाभार्थी का नाम, उस बैंक शाखा का नाम जिसमें लाभार्थी का खाता हो, बैंक शाखा आईएफएससी, खाते का प्रकार, खाता संख्या)। प्रार्थना पत्र एनईएफटी निधि अंतरण आरंभ करने वाली बैंक शाखा के पास उपलब्ध होगा। प्रेषक बैंक शाखा को अपने खाते से निर्दिष्ट राशि निकालने और लाभार्थी को भेजने के लिए अधिकृत करेगा। वे ग्राहक जो नेट बैंकिंग सुविधा का उपयोग कर रहे हैं निधि अंतरण के लिए ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं। कुछ बैंक एटीएम द्वारा भी एनईएफटी सुविधा देते हैं। लेकिन अकस्मात ग्राहकों को बैंक शाखा को अपना संपर्क सूत्र विवरण (पूरा पता और टेलीफोन नं. आदि) देना होगा। इससे किसी कारण से लाभार्थी के खाते में पैसा न पहुंचने, अंतरण निरस्त / वापिस होने पर ग्राहक को पैसा लौटाने में शाखा को मदद मिलेगी।
चरण 2. मूल बैंक शाखा एक संदेश तैयार करती है तथा उस संदेश को अपने पूलिंग सेंटर (यह एनईएफटी सर्विस सेंटर भी कहलाता है) को भेजती है।
चरण 3. पूलिंग सेंटर उस संदेश को अगले उपलब्ध बैच में शामिल करने के लिए आगे एनईएफटी समाशोधन केन्द्र (राष्ट्रीय समाशोधन कक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई द्वारा संचालित) को भेजता है।
चरण 4. समाशोधन केन्द्र निधि अंतरण लेनदेनों की छंटाई गन्तवय-बैंक वार करता है और भेजने वाले बैंक से निधि प्राप्त करने (डेबिट) एवं गन्तवय बैंक को निधि देने (क्रेडिट) हेतु लेखांकन प्रविष्टियां करता है। उसके बाद, बैंक वार प्रेषण संदेश पूलिंग सेंटरों (एनईएफटी सर्विस सेंटर) द्वारा गन्तवय बैंकों को भेजे जाते हैं ।
चरण 5. गन्तवय बैंक समाशोधन केन्द्र से आंतरिक प्रेषण संदेश प्राप्त करते हैं और लाभार्थी के खाते में पैसा जमा करते हैं ।


प्र.10. आईएफएससी क्या है?

उ. :आईएफएससी या भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड एक अल्फा न्यूमेरिक कोड है जो एनईएफटी में भाग लेने वाली बैंक शाखा को एक विशिष्ट पहचान देता है। यह 11 अंकों का कोड है जिसमें प्रथम 4 अल्फा वर्ण हैं, जो बैंक को प्रदर्शित करते हैं तथा अंतिम 6 संख्यात्मक अक्षर हैं, जो शाखा को प्रदर्शित करते हैं। पांचवा वर्ण शून्य(0) है। आईएफएससी का उपयोग एनईएफटी द्वारा लक्ष्य बैंकों / शाखाओं को संदेश भेजने के लिए किया जाता है।


प्र.11 किसी बैंक शाखा के आईएफएससी का पता कैसे लगाया जा सकता है?

उ. :आईएफएससी की बैंक-वार सूची एनईएफटी में भाग लेने वाली सभी बैंक शाखाओं के पास उपलब्ध है। एनईएफटी में भाग लेने वाली सभी बैंक शाखाओं और उनकी आईएफएससी की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx पर उपलब्ध है। सभी बैंकों को भी यह सलाह दी गयी है कि वे अपने ग्राहकों को जारी किए जाने वाले चेकों पर भी बैंक शाखा का आईएफएससी प्रिंट करवाएं। कई बैंकों ने नेट बैंकिग का लाभ लेने वाले ग्राहकों को लक्ष्य बैंक शाखा के आईएफएससी खोजने के लिए आन लाइन खोजने / पॉप अप की सुविधा उपलब्ध करायी है।


प्र.12. एनईएफटी लेनदेन की प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क क्या है?

उ. :भारतीय रिज़र्व बैंक ने सदस्य बैंकों के लिए 31 मार्च 2011 तक प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क माफ किया है। तदनुसार एनईएफटी में भाग लेने वाले सदस्य बैंकों को किसी भी प्रकार की प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क भारतीय रिज़र्व बैंक को नहीं देना होता है। सदस्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों पर लगाए जानेवाले शुल्क को भी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नीचे बताये गये प्रकार से युक्तिसंगत बनाया गया है-
1. लक्ष्य बैंक शाखाओं पर आवक लेनदेन (लाभार्थी के खाते में क्रेडिट हेतु)- मुफ्त, लाभार्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
2. मूल बैंक शाखाओं पर बाहरी लेनदेन (प्रेषक के लिए शुल्क)
- रु.1 लाख तक का लेनदेन के लिए- रु.5 से अधिक नहीं (सेवा कर अतिरिक्त)
- रु.1 लाख से ऊपर और रु.2 लाख तक के लेनदेन के लिए- रु.15 से अधिक नहीं (सेवा कर अतिरिक्त)
- रु.2 लाख से ऊपर के लेनदेन - रु.25 से अधिक नहीं (सेवा कर अतिरिक्त)
नोट: एनईएफटी व्यवस्था द्वारा भारत से नेपाल निधि अंतरण (इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत) के लिए निम्नानुसार शुल्क लगेगा -
क) भारत में स्थित मूल बैंक शाखा-प्रति लेनदेन अधिकतम रु.5 (सेवा कर अतिरिक्त)
ख) भारत में स्थित भारतीय स्टेट बैंक – प्रति लेनदेन रु.20 (सेवा कर अतिरिक्त, यदिलाभार्थी का एसबीआई लि.(एनएसबीएल) नेपाल में खाता हो।
ग) भारतीय स्टेट बैंक इस राशि को एनएसबीएल के साथ बराबर बांटता है। एनएसबीएल लाभार्थी के खाते में राशि क्रेडिट करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा।
घ) यदि लाभार्थी का एनएसबीएल में खाता नहीं है, तो रु.5,000 तक की निधि के प्रेषण पर रु.50 (सेवा कर अतिरिक्त) की दर से और रु.5,000 से अधिक निधि की प्रेषण पर रु.75 (सेवा कर अतिरिक्त) की दर से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
इस प्रकार से इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत लेनदेन की रकम और लाभार्थी को क्रेडिट किए जाने वाले तरीके पर निर्भर करते हुए लिया जाने वाला शुल्क कम से कम रु.25 (सेवा कर अतिरिक्त) और अधिकतम रु.100 (सेवा कर अतिरिक्त) है।
धन भेजने वाली बैंक शाखाओं को यह सलाह दी गई है कि वे प्रेषक से ऊपर दिये गये ढांचे के अनुसार पूरा शुल्क वसूल करें तथा अपना भाग (रु.5 + सेवा कर) रखने के बाद उचित राशि एसबीआई को दे दें।


प्र.13. लाभार्थी के खाते में राशि कब तक क्रेडिट हो जानी चाहिए?

उ. : सप्ताह के दिनों के प्रथम नौ बैचों (अर्थात प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक के लेनदेनों) और शनिवार को प्रथम चार बैचों (अर्थात प्रात: 9 से 12 बजे तक के लेनदेनों) का लाभार्थी के खाते में उसी दिन क्रेडिट हो जानी चाहिए । सप्ताह के दिनों के अंतिम दो बैचों में हुए लेनदेनों (अर्थात सायं 6 और 7 के बैचों में हुए लेनदेनों) और शनिवार के अंतिम बैच (अर्थात दोपहर 1 बजे हुए लेनदेनों) का लाभार्थी के खाते में उसी दिन या अगले कार्य दिवस की सुबह तक के क्रेडिट हो जानी चाहिए। (यह लाभार्थी द्वारा बैंक से ली जाने वाली सुविधा पर निर्भर करता है)। एनईएफटी व्यवस्था द्वारा भारत से नेपाल निधि प्रेषण (इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधायोजना के तहत) की समय सीमा का विस्तृत विवरण अलग से http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489.pdf में दिया गया है।


प्र.14. लाभार्थी के खाते में क्रेडिट न होने अथवा क्रेडिट में देरी होने पर किससे संपर्क किया जाना चाहिए?

उ. :लाभार्थी के खाते में क्रेडिट न होने अथवा क्रेडिट में देरी होने पर संबंधित बैंक के ग्राहक सुविधा केन्द्र (सीएफसी) से संपर्क किया जा सकता है (प्रेषक अपने बैंक के सीएफसी से; लाभार्थी अपने बैंक के सीएफसी से संपर्क कर सकता है)। बैंक के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केन्द्र का विस्तृत विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/script/neft.aspx पर भी उपलब्ध है। यदि मामले का हल संतोषजनक तरीके से न हो तो, राष्ट्रीय समाशोधन केन्द्र भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई स्थित एनईएफटी हेल्प डेस्क (या भारतीय रिज़र्व बैंक का ग्राहक सुविधा केन्द्र) से ईमेल nefthelpdeskncc@rbi.org.inद्वारा या महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक राष्ट्रीय समाशोधन केन्द्र, प्रथम तल, फ्री प्रेस हाउस, नरीमन पाइंट, मुंबई-400021 को पत्र भेज कर संपर्क किया जा सकता है।


प्र.15. क्या होगा यदि लाभार्थी के खाते में राशि क्रेडिट न हो पाए?

उ. :यदि किसी भी कारण से लाभार्थी के खाते में राशि क्रेडिट न हो पाए तो जिस बैच में लेनदेन प्रारंभ हुआ उसकी समाप्ति के दो घंटों के अंदर लक्ष्य बैंकों को वह लेनदेन राशि लौटानी होगी (मूल शाखा को)। उदाहरण के लिए, यदि कोई ग्राहक एनईएफटी सक्षम शाखा को दोपहर 12.05 बजे निधि अंतरण का अनुरोध करता है तो शाखा संदेश को अपने पूलिंग सेंटर के माध्यहम से तत्कारल उपलब्धल बैच में, जो कि एक बजे का बैच है (उदाहरण के लिए) प्रोसेसिंग के लिए एनईएफटी समाशोधन केंद्र भेज देता है। यदि लक्ष्यं बैंक किसी वजह से हिताधिकारी को क्रेडिट नहीं दे पा रहा हो तो उसे दोपहर 3.00 बजे वाले बैच से पहले मूल बैंक को लेन-देन की राशि को वापस करना होगा। मूल शाखा से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अगले 30 मिनट (अर्थात्) दोपहर 3.30 बजे तक मूल ग्राहक को राशि क्रेडिट करे। कहने का मतलब यह है कि ग्राहक क्रेडिट न किए गए सभी लेन-देनों के मामलों में लगभग 3 से 4 घंटे के भीतर अपनी राशि वापस पाने की उम्मीगद कर सकते हैं।


प्र.16 क्याम एनईएफटी का प्रयोग एनआरई और एनआरओ खातों से/में निधियों के लेन-देन में किया जा सकता है ?

उ. :हां, एनईएफटी का प्रयोग देश में एनआरई और एनआरओ खातों से/में निधियों के लेन-देन में किया जा सकता है। लेकिन, यह विदेशी-मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 2000 (फेमा) के प्रावधानों के अनुपालन के अधीन होगा।


प्र.17 क्याय आवक विदेशी मुद्रा धन-प्रेषण को एनईएफटी के माध्यमम से प्राप्तर किया जा सकता है ?

उ. :नहीं, एनईएफटी प्रणाली का प्रयोग केवल भारतीय रुपये के देश के भीतर भागीदार बैंक शाखाओं के बीच धन-प्रेषण के लिए किया जा सकता है।


प्र.18 क्याै एनईएफटी के माध्येम से अन्य देशों को धन प्रेषित किया जा सकता है ?

उ. :नहीं। लेकिन, इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत नेपाल जानेवाले धन-प्रेषण की सुविधा उपलब्धग है। योजना का विस्तृेत विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक के वेबसाइट पर http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489 पर उपलब्धi है।


प्र.19 ऐसे कौन से अन्य लेन देन हैं जो एनईएफटी का प्रयोग करते हुए किए जा सकते है ?

उ. :एनईएफटी प्रणाली का प्रयोग कार्ड जारीकर्ता बैंकों के क्रेडिट कार्ड की देय राशि के भुगतान में किया जा सकता है। कार्ड जारीकर्ता बैंक के क्रेडिट कार्ड की देय राशि के भुगतान को शुरू करने के लिए एनईएफटी प्रणाली में एक अलग लेन-देन कोड (सं.52) आबंटित किया गया है। एनईएफटी का प्रयोग कर बिल भुगतान लेन-देन शुरू करने के लिए हिताधिकारी कार्ड जारीकर्ता बैंक का आइएफएससी का उल्लेगख करना आवश्य।क है।


प्र.20 क्या किसी अन्यइ खाते से निधि निकालने(पाने) के लिए लेन-देन शुरू किया जा सकता है ?

उ. :नहीं, एनईएफटी एक क्रेडिट-पुश प्रणाली है, अर्थात, लेन-देन केवल हिताधिकारी को निधि के अंतरण के लिए शुरु किये जा सकते हैं।


प्र.21 क्या हिताधिकारी के खाते में निधि के अंतरण हो जाने के बाद उसे धन-प्रेषण पावती मिलती है ?

उ. :हां, हिताधिकारी के खाते में सफलतापूर्वक क्रेडिट हो जाने पर लेन-देन प्रारंभ करने वाले बैंक से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रारंभ करने वाले ग्राहक (एसअमएस या ई-मेल द्वारा) को क्रेडिट की सूचना के साथ-साथ दिनांक और क्रेडिट के समय की पुष्टि भेजे। इसके लिए, धन-प्रेषक को लेन-देन प्रारंभ करते वक्तन शाखा में अपना मोबाइल सं. / ई-मेल आईडी देना होगा।


प्र.22 क्याम कोई ऐसा तरीका है जिससे धन-प्रेषक एनईएफटी में अपने लेन-देन को ट्रैक कर सके ?

उ. : हां, धन-प्रेषक मूल बैंक शाखा के माध्य्म से एनईएफटी लेन-देन की स्थिति का पता लगा सकते हैं। मूल बैंक शाखा के लिए इसका का पता लगाना संभव है और वे हर समय एनईएफटी लेन-देनों को ट्रैक कर सकते हैं।


प्र.23 एनईएफटी लेन-देन शुरू करने की पूर्व शर्तें क्यात हैं ?

उ. : एनईएफटी का प्रयोग कर निधि अंतरण लेन-देनों के लिए निम्नशलिखित पूर्व शर्तें हैं:-
• मूल और लक्ष्यट बैंक शाखाओं को एनईएफटी नेटवर्क का हिस्साि होना चाहिए।
• हिताधिकारी का विवरण जैसे हिताधिकारी का नाम, खाता संख्याम और खाते के प्रकार।
• हिताधिकारी बैंक शाखा का नाम और आइएफएससी। कुछ बैंकों ने नेट बैंकिंग ग्राहकों के लिए लक्ष्यक बैंक और शाखा का नाम चिन्हित/चुनने/इंगित/टाइप करने से अपने यहां पॉप-अपकी सुविधा उपलब्ध करायी है।


प्र.24 एनईएफटी की अन्यन विशेषताएं क्या है ?

उ. : अक्तूमबर 2005 से शुरू की गयी, एनईएफटी एक इलेक्ट्रा निक भुगतान प्रणाली है जो एक बैंक शाखा से दूसरे बैंक शाखा में निधि अंतरण करने का सुरक्षित तरीका है। एनईएफटी एंड-टू-एंड सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पब्लिक की इंफ्रास्ट्रतक्च0र (पीकेआइ) का प्रयोग करता है और निधियों के इलेक्ट्रा निक अंतरण के लिए बैंक की शाखाओं को जोड़ने के लिए इंडियन फाइनेंशियल नेटवर्क (आइएनएफआईएनईटी) का प्रयोग करता है1 प्रतिभागी बैंकों, शाखाओं के कवरेज और लेन-देन की संख्याफ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जो एनईएफटी प्रणाली के स्वीोकार किये जाने की और लोकप्रियता को दर्शाती है। एनईएफटी प्रणाली और एनईएफटी प्रक्रियात्म क दिशा-निर्देशों पर और अधिक जानकारी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx पर उपलब्धल है।


आर.टी.जी.एस प्रणाली

वास्तविक समय सकल भुगतान प्रणाली अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र.1 आर.टी.जी.एस प्रणाली क्या है?

उ. :आर.टी.जी.एस का विस्तृत रूप वास्तविक समय सकल भुगतान है। आर.टी.जी.एस प्रणाली एक ऐसा निधि अंतरण पद्धति है जिसमें एक बैंक से दूसरे बैंक में मुद्रा का अंतरण 'वास्तविक समय' और 'सकल' आधार पर होता है। यह बैंकिंग चैनल द्वारा मुद्रा अंतरण का सबसे तेज माध्यम है। 'वास्तविक समय' में भुगतान से तात्पर्य है भुगतान संव्यवहारों के लिए प्रतीक्षा अवधि नहीं होती है। संव्यवहारों के प्रसंस्कृत होते ही उनका निपटान हो जाता है। 'सकल भुगतान' से तात्पर्य हैं, संव्यवहारों का बिना किसी अन्य संव्यवहार के लिए प्रतीक्षा किए एक के लिए एक आधार पर निपटान होना । इस प्रकार भारतीय रिज़र्व बैंक की खाता बही में मुद्रा अंतरण होने पर भुगतान को अंतिम और अप्रतिसंहरणीय माना जायेगा।


प्र.2 इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण प्रणाली (ई.एफ.टी) और राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण प्रणाली (एन.ई.एफ.टी) से आर.टी.जी.एस किस प्रकार भिन्न है?

उ. : ई.एफ.टी और एन.ई.एफ.टी इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण के माध्यम हैं जिनमें आस्थगित निवल भुगतान (डी.एन.एस) आधार पर परिचालन होता है और संव्यवहारों का निपटान बैचों में होता है। डी.एन.एस. में निपटान किसी विशेष समय पर होता है। उस समय तक सभी संव्यवहार स्थगित रहते है जैसे सप्ताह के दिनों में एन.ई.एफ.टी का भुगतान एक दिन में छह बार (पूर्वान्ह 9.00 बजे, 11.00 बजे, 12.00 बजे अपरान्ह 13.00 बजे, 15.00 बजे और 17.00 बजे) होता है और शनिवार को तीन बार (पूर्वान्ह 9.00 बजे, 11.00 बजे और 12.00 बजे)। निर्धारित निपटान समय के बाद शुरू किसी भी संव्यवहार को अगले निर्धारित निपटान समय तक इंतजार करना होगा। इसके विपरीत आर.टी.जी.एस में संव्यवहार पूरी आर.टी.जी.एस कार्य अवधि के दौरान लगातार होते रहते हैं।


प्र.3 क्या आर.टी.जी.एस संव्यवहारों के लिए कोई न्यूनतम और अधिक्तम राशि निर्धारित है?

उ. :आर.टी.जी.एस प्रणाली मूल रूप से बड़े मूल्य की राशियों के लिए है। आर.टी.जी.एस से प्रेषित की जाने वाली न्यूनतम राशि रूपये एक लाख है। आर.टी.जी.एस संव्यवहारों के लिए उच्च राशि की सीमा नहीं है। ई.एफ.टी और एन.ई.एफ.टी संव्यवहारों के लिए न्यूनतम और अधिकतम राशि निर्धारित नहीं की गई है।


प्र.4 आर.टी.जी.एस में एक खाते से दूसरे खाते में निधि अंतरित होने में कितना समय लगता है?

उ. : साधारण परिस्थितियों में प्रेषण बैंक द्वारा निधियों का अंतरण करते ही हिताधिकारी शाखा को वास्तविक समय पर ही निधियॉ प्राप्त होना अपेक्षित है। हिताधिकारी शाखा को निधि अंतरण संदेश प्राप्त होने के दो घंटे के भीतर ही हिताधिकारी के खाते में निधियॉ जमा करनी हाती हैं।


प्र.4 क्या प्रेषण करने वाले ग्राहक को हिताधिकारी के खाते में मुद्रा जमा होने पर प्राप्ति रसीद दी जाती है?

उ. :भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राप्तकर्ता बैंक में मुद्रा जमा होने का संदेश प्रेषण बैंक को भेजा जाता है। इसी आधार पर प्रेषण बैंक प्रेषिती ग्राहक को प्राप्तकर्ता बैंक में मुद्रा जमा होने के बारे में सूचित कर सकता है।


प्र.6. क्या हिताधिकारी के खाते में जमा न होने पर प्रेषण ग्राहक को मुद्रा वापस दी जायेगी और कब?

उ. :हाँ। ऐसी अपेक्षा की जाती है कि प्राप्तकर्ता बैंक द्वारा हिताधिकारी के खाते में राशि तत्काल ही जमा की जायेगी। यदि किसी कारणवश मुद्रा जमा नहीं की जाती, प्राप्तकर्ता बैंक को उस मुद्रा को दो घंटे के भीतर वापस करना होगा। प्रेषक बैंक द्वारा एक बार मुद्रा वापस प्राप्त कर लेने के बाद, ग्राहक के खाते में मूल डेबिट कर देगा।


प्र.7 आर.टी.जी.एस सेवा खिड़की किस समय तक उपलब्ध रहती है?

उ. :आर.टी.जी.एस सेवा खिड़की ग्राहकों के संव्यवहारों के लिए सप्ताह के दिनों में पूर्वान्ह 9.00 बजे से उपरान्ह 16.30 बजे तक एवं शनिवार को पूवान्ह 3.00 बजे से अपरान्ह 12.30 बजे तक भारतीय रिज़र्व बैंक में निपटान के लिए उपलब्ध रहती है, तथापि बैंकों द्वारा अपनाया जाने वाला समय बैंक शाखाओं के ग्राहक समय के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।


प्र.8 आर.टी.जी.एस. संव्यवहारों के लिए प्रसंस्करण प्रभार /सेवा प्रभार क्या है?

उ. :बैंकों द्वारा विभिन्न इलेक्ट्रानिक उत्पादों पर लगाए जाने वाले सेवा प्रभारों को तर्कसंगत बनाने के लिए एक विस्तृत ढांचा अधिदेशित किया गया है जो इस प्रकार है:
क) आवक संव्यवहार : निशुल्क कोई प्रभार न लिया जाए।
ख) जावक संव्यवहार:
1 लाख रूपये से 5 लाख रूपये तक: प्रति संव्यवहार के लिए अधिकतम 25 रूपये।
5 लाख रूपये से अधिक – प्रति संव्यवहार अधिकतम 50 रूपये।


प्र.9 प्रेषण ग्राहक को प्रेषण को प्रभावी करने के लिए क्या क्या आवश्यक जानकारी देना होगा?

उ. :प्रेषण ग्राहक को आर.टी.जी.एस प्रभावी करने के लिए निम्नलिखित जानकारी देना आवशयक होगा:
1. प्रेषित की जाने वाली राशि।
2. अपनी खाता संख्या जिसे डेबिट किया जाए।
3. हिताधिकारी बैंक का नाम।
4. हिताधिकारी ग्राहक का नाम।
5. हिताधिकारी ग्राहक की खाता संख्या।
6. प्रेषक से प्राप्तकर्ता के लिए कोई अन्य कोई सूचना यदि हो।
7. प्राप्तकर्ता बैंक की आई.एफ.एस की संख्या


प्र.10. प्राप्तकर्ता शाखा का आई.एफ.एस.सी.कोड की जानकारी कैसे होगी?

उ. :हिताधिकारी ग्राहक आई.एफ.एस.सी कूट को अपनी शाखा से प्राप्त कर सकता है। आई.एफ.एस.सी कूट चेक के पन्ने पर भी होता है। हिताधिकारी को प्रेषिती ग्राहक को यह कूट संख्या और बैंक शाखा का विवरण भेजना होगा।


प्र.11 क्या भारत में सभी बैंक शाखाए आर.टी.जी.एस सेवा उपलब्ध कराती है।

उ. :नहीं। भारत में सभी बैंक शाखाएं आर.टी.जी.एस से नहीं जुड़ी हैं। Ÿ¸ƒÄ 31, 2008 तक 56000 से अधिक शाखाएं आर.टी.जी.एस से जुड़ चुकी है। इस शाखाओं की सूची आर.बी.आई की वेबसाइट https://rbi.org.in/Scripts/Bs_viewRTGS.aspx पर उपलब्ध है।


प्र.12. क्या ऐसा कोई तरीका है जिसे प्रेषण ग्राहक प्रेषित संव्यवहार पर नज़र रख सके?

उ. :यह प्रेषण ग्राहक और प्रेषण बैंक के बीच हुई व्यवस्था पर निर्भर करता है। कुछ बैंक इंटरनेट सुविधा के साथ यह सेवा उपलब्ध कराते है। हिताधिकारी बैंक के खाते में निधियाँ जमा होने पर, प्रेषण ग्राहक को उसकी बैंक से ई मेल अथवा मोबाइल पर संक्षिप्त संदेश के माध्यम से पुष्टि की जाती है।


प्र.13. हिताधिकारी के खाते में राशि जमा ने होने पर अथवा जमा होने में देरी होने पर हमें किससे संपर्क करना चाहिए?

उ. : अपनी बैंक/शाखा से संपर्क करें। मामले का समाधान संतोषजनक रूप से नहीं होने पर आर.बी.आई के ग्राहक सेवा विभाग से निमलिखित पते पर संपर्क करना चाहिए। मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
ग्राहक सेवा विभाग
पहली मंज़िल, अमर भवन, फोर्ट
मुंबई 400001
अथवा ई मेल पर भेजें।


प्र.14. आर.टी.जी.एस द्वारा किसी विशिष्ट दिवस में कितनी मात्रा और मूल्य का संव्यवहार होता है?

उ. :किसी विशिष्ट दिवस में आर.टी.जी.एस में एक दिन में लगभग 80000 संव्यवहार होते है जिनका मूल्य लगभग रूपये 2700 बिलियन होता है।


प्र.15. ग्राहक कैसे जानेगा कि हिताधिकारी की बैंक शाखा आर.टी.जी.एस. के माध्यम से प्रेषण स्वीकार करती है।

उ. :आर.टी.जी.एस के माध्यम से निधियों का अंतरण करने के लिए भेजनेवाली बैंक शाखा और प्राप्तकर्ता बैंक शाखा दोनों को ही आर.टी.जी.एस से जुड़ा होना चाहिए। आर.टी.जी.एस से जुड़ी शाखाओं में यह सूची सुलभ रूप से उपलब्ध है। इसके अलावा आर.बी.आई की वेबसाइट https://rbi.org.in/Scripts/Bs_viewRTGS.aspx) पर जानकारी उपलब्ध है। यह ध्यान में रखते हुए कि 10000 शहरों/ कस्वों और तालुका स्थानों पर 56000 से अधिक शाखाएं आर.टी.जी.एस प्रणाली से जुड़ी हैं, यह जानकारी प्राप्त करना कठिन नहीं होगा